RTI

1. किस प्रकार की सूचना जन सूचना अधिकार के तहत पूछी जा सकती है |

उत्तर: “सूचना” से किसी इलैक्ट्रानिक रूप मेँ धारित अभिलेख, दस्तावेज़, ज्ञापन ई-मेल, मत, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, कार्यपंजी, संविदा, रिपोर्ट, कागजपत्र, नमूने, आकड़ों संबंधी सामग्री और किसी प्राइवेट निकाय से संबंधित ऐसी सूचना सहित, जिस तक तत्समय प्रवत किसी अन्य विधि के अधीन किसी लोक प्राधिकारी की पहुंच हो सकती है, किसी रूप मेँ कोई सामग्री, अभिप्रेत है ।

2. कितने दिन के अंदर एक जन सूचना अधिकार के तहत प्रार्थना पत्र को दूसरे जन सूचना अधिकारी को स्थानांतरित किया जा सकता है?

उत्तर: जहां, कोई आवेदन किसी लोक प्राधिकारी को किसी ऐसी सूचना के लिए अनुरोध करते हुए किया जाता है:-

  1. जो किसी अन्य लोक प्राधिकारी द्वारा धारित है, या
  2. जिसकी विषय-वस्तु किसी अन्य लोक प्राधिकारी के कृत्यों से अधिक निकट रूप से संबंधित है,
  3. वहां, वह लोक प्राधिकारी जिसको ऐसा आवेदन किया जाता है ऐसे आवेदन का उसके ऐसे भाग को जो समुचित हो, उस अन्य लोक प्राधिकारी को अंतरित करेगा और ऐसे अंतरण के बारे में आवेदक को तुरंत सूचना देगा :
    परंतु यह की इस उपधारा के अनुसरण में किसी आवेदन का अंतरण यथासाध्य शीघ्रता से किया जाएगा, किन्तु किसी भी दशा में आवेदन की प्राप्ति की तारीख से पाँच दिनों के पश्चात नहीं किया जाएगा।

3. जन सूचना अधिकारी द्वारा कितने दिन के अंदर आवेदक को सूचना देना अनिवार्य है?

उत्तर: धारा 5 की उपधारा (2) के परंतुक या धारा 6 की उपधारा (3) के परंतुक के अधीन रहते हुए, धारा 6 अधीन अनुरोध के प्राप्त होने पर, यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी, यथासंभवशीघ्रता से, और किसी भी दशा में अनुरोध की प्राप्ति के तीस दिन के भीतर ऐसी फीस के संदाय पर, जो विहित की जाए या तो सूचना उपलब्ध कराएगा या धारा 8 औए धारा 9 में विनिर्दिष्ट कारणों में से किसी कारण से अनुरोध को अस्वीकार करेगा :
परंतु जहां मांगी गई जानकारी का संबंध किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से है, वहां वह अनुरोध प्राप्त होने के अड़तालीस घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी ।

4. क्या सूचना मुफ्त में प्राप्त की जा सकती है?

उत्तर: उपधारा (5) में किसी बात के होते हुए भी जहां कोई लोक प्राधिकारी उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट समय सीमा का अनुपालन करने में असफल रहता है, वहां सूचना के लिए अनुरोध करने वाले व्यक्ति को प्रभार के बिना सूचना उपलब्ध कराई जाएगी ।

5. सूचना किस प्रारूप में प्राप्त की जा सकती है?

उत्तर: किसी सूचना को साधारणतया उसी प्रारूप में उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें उसे मांगा गया है, जब तक की वह लोक प्राधिकारी के स्रोतों को अननुपाती रूप से विचलित न करता हो या प्रश्नगत अभिलेख की सुरक्षा या संरक्षण के प्रतिकूल न हो ।

6. क्या तीसरे व्यक्ति से संबंधित जानकारी सूचना का अधिनियम, 2005 के तहत प्राप्त की जा सकती है?

उत्तर: सूचना जिसके प्रकटन से भारत की प्रभुता और अखण्डता, राज्य की सुरक्षा रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित विदेश से संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने का उदीपन होता हो ।

7. किस प्रकार की सूचना तीसरे व्यक्ति से संबंधित सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त की जा सकती है?

उत्तर: जहां, यथास्थिति किसी केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी का इस अधिनियम के अधीन किए गए अनुरोध पर कोई ऐसी सूचना या अभिलेख या उसके किसी भाग को प्रकट करने का आशय है, जो किसी व्यक्ति से संबंधित है या उसके द्वारा इसका प्रदाय किया गया है और उस पर व्यक्ति द्वारा उसे गोपनीय माना गया है, वहां यथास्थिति केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी अनुरोध प्राप्त होने से पाँच दिन के भीतर, ऐसे पर व्यक्ति को अनुरोध की और इस तथ्य की लिखित रूप में सूचना देगा की, यथास्थिति केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी का उक्त सूचना या अभिलेख या उसके किसी भाग को प्रकट करने का आशय है और इस बारे में की सूचना प्रकट की जानी चाहिए या नहीं लिखित में या मौखिक रूप से निवेदन करने के लिए पर व्यक्ति को आमंत्रित करेगा तथा सूचना के प्रकटन के बारे में कोई विनिश्चय करते समय पर व्यक्ति के ऐसे निवेदन को ध्यान में रखा जाएगा ।

8. प्रार्थी द्वारा कितने दिन के अंदर प्रथम अपील सूचना अधिकार अधिनियम के अंदर दायर की जा सकती है?

उत्तर: ऐसा कोई व्यक्ति जिसे धारा 7 की उपधारा (1) या उपधारा (3) के खंड (क)में विनिर्दिष्ट समय के भीतर कोई विनिश्चय प्राप्त नहीं हुआ है या जो यथास्थिति केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी राज्य लोक सूचना अधिकारी के किसी विनिश्चय से व्यथित है, उस अवधि की समाप्ती से या ऐसे किसी विनिश्चय प्राप्ति से तीस दिन के भीतर ऐसे अधिकारी को अपील कर सकेगा जो प्रत्येक लोक प्राधिकरण में यथास्थिति केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी की ज्येष्ठ पंक्ति का है,
परंतु ऐसा अधिकारी, तीस दिन की अवधि की समाप्ती के पश्चात अपील को ग्रहण कर सकेगा यदि उसका यह समाधान हो जाता है की अपीलर्थी समय पर अपील फाइल करने में पर्याप्त कारण से निवारित किया गाया था ।

9. प्रार्थी द्वारा द्वितीय अपील कितने दिनों के अंदर दायर की जा सकती है?

उत्तर: उपधारा (1) के अधीन विनिश्चय के विरूद्ध दूसरी अपील उस तारीख से जिसको विनिश्चय किया जाना चाहिय था या वास्तव में प्राप्त किया गया था, नब्बे दिन के भीतर केंद्रीय सूचना आयोग को होगी :
परंतु यथास्थिति केंद्रीय लोक सूचना आयोग नब्बे दिन की अपील की समाप्ति के पश्चात अपील को ग्रहण कर सकेगा, यदि उसका वह समाधान हो जाता है कि अपीलार्थी समय पर अपील फाइल करने में पर्याप्त कारण से निवारित किया गाया था ।

10. कितने दिन के अंदर प्रथम अपील/ द्वितीय अपील का निस्तारण प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए?

उत्तर: उपधारा (१) या उपधारा (२०) के अधीन किसी अपील का निपटारा, लेखबद्ध किए जाने वाले कारणो से, अपील की प्राप्ति के तीस दिन के भीतर या ऐसी विस्तारित अवधि के भीतर जो उसके फाइल किए जाने की तारीख से कुल पैंतालीस दिन से अधिक न हो किया जाएगा।

11. जसूअ द्वारा वांछित सूचना न देने पर केंद्रीय सूचना आयुक्त द्वारा जसूअ को किस प्रकार अधिरोपित किया जा सकता है?

उत्तर: जहां किसी शिकायत या अपील का विनिश्चय करते समय यथास्थिति केंद्रीय सूचना आयोग ने ली यह राय है कि, यथास्थिति केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने किसी युक्तियुक्त कारण के बिना सूचना के लिए कोई आवेदन प्राप्त करने से इंकार किया है या धारा ७ की उपधारा (१) के अधीन सूचना के लिए अनुरोध से इंकार किया है या जानबूझकर गलत, अपूर्ण या भ्रामक सूचना दी है या उस सूचना को नष्ट कर दिया है जो अनुरोध का विषय थी या किसी रीति से सूचना देने मे बाधा डाली है तो वह ऐसे प्रत्येक दिन के लिए जब तक आवेदन प्राप्त किया जाता है या सूचना दी जाती है दो सौ पचास रूपए की शास्ति अधिरोपित करेगा, तथापि ऐसा शास्ति की कुल रकम पच्चीस हजार रूपए से अधिक नहीं होगी ।

12. केंद्रीय विद्यालय/ क्षेत्रीय कार्यालय में जन सूचना अधिकारी कौन होगा ?

उत्तर: प्रत्येक केन्द्रिय विधालय में प्राचार्य, सहायक जन सूचना अधिकारी के रुप में मनोनीत है। जहां प्राचार्य पद नहीं है एवं उप- प्राचार्य कार्य कर रहे है वहां के उप – प्राचार्य, सहायक जन सूचना अधिकारी के रूप में मनोनीत है । जहां प्राचार्य एवं उप- प्राचार्य दोनों नहीं होने के स्थिति में संबन्धित क्षेत्रिया कार्यालय द्वारा वरिष्ठ अध्यापक को सहायक जन सूचना अधिकारी के रूप में मनोनीत किया जा सकता है । जिस क्षेत्रीय कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारी पद रिक्त में क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा वरिष्ठ सहायक आयुक्त को जन सूचना अधिकारी के रुप में मनोनीत किया जाता है।

13. जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त करने के लिए शुल्क किस प्रारूप में दिया जाए ?

उत्तर: धारा 6 की उप धारा (1) के अधीन सूचना अभिप्राप्त करने के लिए कोई अनुरोध, दस रुपए का आवेदन शुल्क के साथ होगा जो समुचित रसीद के विरूध्द नकद के रूप में या मांग देय ड्राफ्ट या चैक के रूप में होगी जो लोक प्राधिकरण के लेखा अधिकारी को देय होगा । धारा 7 की उप धारा (1) के अधीन किसी सूचना को उपलब्ध कराने के लिए फीस निम्नलिखित दर पर जो समुचित रसीद के विरूध्द नकद के रूप में या मांग देय ड्राफ्ट या बैंकर चैक के रूप में होगी, जो लोक प्राधिकारी के किसी लेखा अधिकारी को देय होगा, प्रभारित की जाएगी:-

  1. तैयार किए गए या प्रतिलिपि किए गए प्रत्येक (अ-4 या अ-3 आकार) कागज के लिए दो रुपए;
  2. बड़े आकार के कागज में किसी प्रतिलिपि का वास्तविक प्रभार या लागत कीमत;
  3. नमूनों या माडलों के लिए वास्तविक लागत या कीमत; और
  4. अभिलेखों के निरीक्षण के लिए, पहले घंटे के लिए कोई फीस नहीं और उसके पश्चात प्रत्येक पंद्रह मिनट (या उसके भाग के लिए पाँच रुपए की फीस) ।

धारा 7 की उप धारा (5) के अधीन किसी सूचना को उपलब्ध करने के लिए फीस निम्नलिखित दर पर जो समुचित रसीद के विरूध्द नकद के रूप में या मांग देय ड्राफ्ट या बैंकर चैक के रूप में होगी, जो लोक प्राधिकारी के किसी लेखा अधिकारी को देय होगा, प्रभारित की जाएगी:-

  1. डिस्केट या फ्लॉपी में सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्रति डिस्केट या फ्लॉपी पचास रुपए और
  2. मुद्रित प्रारूप में दी गई सूचना के लिए ऐसे प्रकाशन के लिए नियत कीमत पर या ऐसे प्रकाशन से उद्धरणों की फोटो प्रति के प्रति प्रष्ठ के लिए दो रुपए ।
14. किस लोक प्राधिकरण के लिए मैं इस पोर्टल के माध्यम से अनुरोध कर सकता हूं?

उत्तर: एक आवेदक जो जन सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत जानकारी प्राप्त करना चाहता है, वह जन सूचना अधिकार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों और अन्य केंद्रीय लोक प्राधिकरणों के माध्यम से ऑनलाइन जन सूचना अनुरोध फार्म में अनुरोध कर सकता है।

15. जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार सूचना मांगने के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है?

उत्तर: आवेदन का पाठ जन सूचना अधिकार अनुरोध फॉर्म के निर्धारित कॉलम में लिखा जा सकता है। वर्तमान में, आवेदन पत्र का पाठ केवल 3000 वर्णों तक ही सीमित है। यदि किसी एप्लिकेशन के टेक्स्ट में 3000 से अधिक अक्षर हैं, तो इसे फॉर्म के "सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट" कॉलम में पीडीएफ अटैचमेंट के रूप में अपलोड किया जा सकता है।

16. जन सूचना अधिकार शुल्क के लिए भुगतान कैसे किया जा सकता है?

Ans: जन सूचना अधिकार अनुरोध प्रपत्र के पहले पृष्ठ को भरने के बाद, एक गैर-बीपीएल आवेदक को निर्धारित जन सूचना अधिकार शुल्क के भुगतान के लिए "भुगतान करें" बटन पर क्लिक करना होगा।
आवेदक निम्नलिखित मोड के माध्यम से निर्धारित आरटीआई शुल्क का भुगतान कर सकता है:

  1. एसबीआई और उससे जुड़े बैंकों के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग।
  2. भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम-कम-डेबिट कार्ड का उपयोग करना।
  3. ) मास्टर / वीज़ा का क्रेडिट / डेबिट कार्ड।
    यह ध्यान दिया जाए कि आरटीआई नियम, 2012 के अनुसार किसी भी आरटीआई शुल्क का भुगतान उस नागरिक द्वारा नहीं किया जाना चाहिए जो गरीबी रेखा से नीचे है। हालांकि, बीपीएल आवेदक को इस संबंध में उपयुक्त सरकार द्वारा जारी प्रमाण पत्र की एक प्रति संलग्न करनी होगी, आवेदन के साथ।
17. जन सूचना अधिकार आवेदन के ऑनलाइन दाखिल करने के उपरान्त कोई पुष्टीकरण प्राप्त होता है?

उत्तर: एक आवेदन जमा करने पर, एक अद्वितीय पंजीकरण संख्या जारी की जाएगी, जिसे भविष्य में किसी भी संदर्भ के लिए आवेदक द्वारा संदर्भित किया जा सकता है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि इस जन सूचना अधिकार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दायर किया गया आवेदन इलेक्ट्रॉनिक रूप से उक्त मंत्रालय / विभाग के "नोडल अधिकारी" और संबंधित मंत्रालय / विभाग के सीपीआईओ को "वहीं" तक पहुंच जाएगा। नोडल अधिकारी जन सूचना अधिकार आवेदन को संबंधित सीपीआईओ को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करेगा।

18. यदि जन सूचना अधिकार अनुरोध प्रपत्र में गलत पब्लिक अथॉरिटी का चयन करता हूं तो मेरे आवेदन का क्या होगा?

उत्तर: यदि जन सूचना अधिकार आवेदन सार्वजनिक प्राधिकरण के लिए नहीं है, जो आवेदक द्वारा चुना गया है, तो उक्त लोक प्राधिकरण के "नोडल अधिकारी" को संबंधित केंद्रीय लोक प्राधिकरण के "नोडल अधिकारी" को इलेक्ट्रॉनिक रूप से हस्तांतरित कर दिया जाएगा, यदि इसे श्रेणीबद्द किया गया है इस पोर्टल और भौतिक रूप से उस केंद्रीय लोक प्राधिकरण को जो आरटीआई अधिनियम की धारा 6 (3) के तहत इस पोर्टल से संरेखित नहीं है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि दिल्ली के एनसीटी सहित राज्य के सार्वजनिक प्राधिकरणों के लिए इस पोर्टल के माध्यम से दायर जन सूचना अधिकार आवेदन शुल्क वापस किए बिना वापस कर दिए जाएंगे।

19. क्या मुझे अतिरिक्त शुल्क के बारे में सूचित किया जाएगा (यदि कोई हो) भुगतान करने के लिए आवश्यक है?

उत्तर: यदि जानकारी प्रदान करने के लिए लागत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अतिरिक्त शुल्क की आवश्यकता होती है, तो सीपीआईओ उसी को सूचित करेगा, जिसे जन सूचना अधिकार ऑनलाइन पोर्टल में "व्यू स्टेटस" विकल्प के माध्यम से देखा जा सकता है और एक ई-मेल अलर्ट या एसएमएस या दोनों भी आवेदक को उसी के लिए भेजा जाए। ऑनलाइन अतिरिक्त शुल्क के भुगतान के लिए, आवेदक को जन सूचना अधिकार ऑनलाइन पोर्टल में 'स्थिति देखें' विकल्प का उपयोग करना होगा और अनुरोध के पंजीकरण नंबर प्रदान करने पर, "भुगतान करें" के लिए विकल्प उपलब्ध होगा।

20. प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील कैसे दायर की जा सकती है?

उत्तर: पहले अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील करने के लिए, आवेदक को जन सूचना अधिकार ऑनलाइन पोर्टल में "सबमिट फर्स्ट अपील" विकल्प का चयन करना होगा और उस फॉर्म को भरना होगा जो दिखाई देगा। प्रथम अपील दाखिल करने के लिए मूल आवेदन की पंजीकरण संख्या और ई-मेल आईडी आवश्यक है।

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